एआई की साहसी नई दुनिया
एआई की साहसी नई दुनिया
The Brave New World of AI: Consequences in Job Market का हिन्दी रूपांतर एवं सम्पादन
~ सोनू बिष्ट
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ( AI), नौकरी बाजार में क्रांतिकारी परिवर्तन ला देने की क्षमता रखता है, किन्तु, यह भविष्य की नौकरियों के लिए विशेष चुनौतियां भी पेश करता है।
यहां कुछ चुनौतियों का वर्णन किया जा रहा हैं जो, एआई के कारण उठ खड़ी होती हैं:
स्वचालन:
मशीन लर्निंग (यंत्र शिक्षण) और रोबोटिक्स (Robotics) जैसी एआई प्रौद्योगिकियों में, दोहराए जाने वाले और नियमित कार्यों को स्वचालित करने की क्षमता है, जिससे विशिष्ट उद्योगों में नौकरी विस्थापन हो सकता है।
ऐसी नौकरियाँ, जिनमें शारीरिक श्रम शामिल है या ऐसे कार्य जिन्हें आसानी से स्वचालित किया जा सकता है, विशेष रूप से जोखिम में हैं।
एआई के विकास और प्रौद्योगिकी की स्व- अध्ययन की क्षमताओं के साथ, रचनात्मक उद्योग भी खतरे में है। कुशल कर्मियों के भविष्य को चुनौती दी जाएगी क्योंकि, आगे चलकर एआई निर्णय लेना शुरू कर देगा।
कौशल अंतर और नौकरी की पुनर्व्याख्या :
एआई प्रौद्योगिकियों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए इन प्रणालियों को विकसित करने, संचालित करने और बनाए रखने के लिए आवश्यक कौशल वाले कार्यबल की आवश्यकता होती है। हालाँकि, वर्तमान में एआई - संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कौशल अंतर है।
जैसे-जैसे एआई (AI) उन्नत हो रही है, नौकरी की भूमिकाओं को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे कर्मचारियों को नए कौशल हासिल करने और बदलती मांगों के अनुसार ढलने की आवश्यकता होगी। तो आखिर, नये कौशल की प्रकृति क्या होगी?
द गार्जियन (The Guardian) के मुताबिक, आईबीएम (IBM) अगले 6-7 सालों में 7,800 और ब्रिटिश टेलीकॉम 55,000 नौकरियों को खत्म या उनकी छंटनी कर सकता है । ये सभी एआई संचालित स्वचालन के दुष्प्रभाव हो सकते है।
अभी तक इस बारे में कोई कुछ नहीं जानता किन्तु, यह लगातार विकसित होने वाला और तेजी से बदलने वाला परिदृश्य है, जिसका सामना मानवता ने पहले कभी नहीं किया।
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द गार्जियन के मुताबिक अगले 6-7 सालों में IBM 7,800 और ब्रिटिश टेलीकॉम 55,000 नौकरियों की छँटनी कर सकता है
नैतिक और कानूनी पहलू:
एआई का उपयोग नैतिक और कानूनी चिंताओं को बढ़ाता है। गोपनीयता, पूर्वाग्रह, जवाबदेही और पारदर्शिता तब अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है जब एआई प्रणालियाँ ऐसे निर्णय लेती हैं, जो व्यक्तियों या समाज को प्रभावित करते हैं।
एआई का उपयोग जिम्मेदारी के साथ और नैतिक रूप से किया जाए, इस निर्णय को सुरक्षित करना संगठनों और नीति निर्माताओं के लिए एक चुनौती खड़ा करता है।
कार्रवाई की ज़िम्मेदारी प्रौद्योगिकी को संभालने वाले मनुष्यों से स्थांतरित होकर एआई मशीनों पर आ जाएगी।
उदाहरण के लिए, चालक रहित कार से दुर्घटना होने पर किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? मशीन कार को चलाने का निर्णय ले रही थी, और कोई मानवीय हस्तक्षेप मौजूद नहीं था। तो आखिर, किसे जवाबदेह ठहराया जाएगा कार निर्माता को या वाहन के मालिक को?
नौकरी ध्रुवीकरण:
नौकरी बाजार पर एआई के प्रभाव से ध्रुवीकरण हो सकता है, जिससे उच्च-कौशल, उच्च-वेतन वाली नौकरियों और कम-कौशल, कम-वेतन वाली नौकरियों के बीच विभाजन बढ़ सकता है।
एआई प्रौद्योगिकियां नियमित कार्यों की जगह ले सकती हैं, किन्तु, जटिल समस्या-समाधान और रचनात्मक सोच वाले कार्य अत्यंत उपयोगी कौशल बने रहेंगे।
यह संतुलित नौकरी बाजार और आय असमानता जैसे उद्देश्यों को प्राप्त करने में चुनौतियां पैदा कर सकता है। इससे नौकरी बाज़ार में ज़बर्दस्त रूप से बदलाव होने जा रहा है ।
वे नौकरियाँ जो हाथ से की जाने वाली होती हैं और किसी स्थिति के लिए अत्यधिक विशेष हैं, अस्तित्व में रहेंगी। जैसे, अस्पताल में किसी बीमार मरीज की देखरेख करना या सड़क किनारे किसी खराब वाहन की मरम्मत करना इत्यादि।
सतत सीखना और अनुकूलन:
एआई प्रौद्योगिकियां तेजी से विकसित हो रही हैं, और कर्मचारियों को बदलते परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने के लिए अपने कौशल का लगातार नवीनीकरण करना चाहिए।
नौकरी की सुरक्षा और करियर में उन्नति के लिए, स्थायी शिक्षा , नई प्रौद्योगिकियों और व्यावहारिक तरीकों के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता आवश्यक बन जाती है।
शेष बची अधिकांश नौकरियाँ इसमें हस्तक्षेप जैसी होंगी। मनुष्य एआई-संचालित रोबोटों के मुख्य कार्य और सेवाओं का समर्थन करेंगे या फिर उनकी मशीनरी (हार्डवेयर) और एआई प्रक्रिया सामग्री ( सॉफ्टवेयर) के भौतिक हित को बनाए रखेंगे।
मानव-मशीन सहकार्यता :
जैसे कि, वर्तमान में एआई प्रणाली अत्यधिक उन्नत होते जा रही हैं, इसलिए जो चुनौती उठ खड़ी हुई है, वह मनुष्यों और मशीनों के प्रभावी ढंग से सहकार्य करने के तरीके खोजने की है । यह एक ऐसी चुनौती है, जिसकी आज कोई भविष्यवाणी नही कर सकता।
कार्यस्थलों में एआई को जोड़ने के लिए नौकरी की भूमिकाओं और कार्य प्रगति (वर्कफ़्लो) को फिर से नया स्वरूप देने की आवश्यकता है जिससे मनुष्यों और मशीनों दोनों की ताकतों को अनुकूलित किया जा सके, ताकि, प्रतिस्पर्धा के बजाय सहकार्यता को बढ़ावा मिल सके।
ऐसी सीमाएँ भी हैं, जिनसे मनुष्य एआई की क्षमताओं में अपना योगदान कर सकता है।
अतः, भविष्य, एआई और इंसानों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखेगा इसलिये कि, उनकी एक-दूसरे पर निर्भरता बढ़ती जाएगी। किन्तु, भविष्य में एक समय ऐसा भी आएगा जब एआई, मानवीय हस्तक्षेप से पूर्णतः स्वतंत्र होगा और तब यह एक खतरनाक क्षण होगा।
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मनुष्य एआई-संचालित रोबोटों के मुख्य कार्य और सेवाओं का समर्थन करेंगे या फिर हार्डवेयर और एआई सॉफ्टवेयर के भौतिक हित को बनाए रखेंगे
मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव:
एआई प्रौद्योगिकियों को कार्यस्थलों में पेश करने से कर्मचारियों में भविष्य में नौकरी की सुरक्षा और रोजगार योग्यता को लेकर चिंताएं और बेचैनियां पैदा हो सकती है।
वर्तमान में, दुनिया एआई के सामाजिक पहलुओं को समझने लगी है । इसलिए, समर्थन प्रदान करके, पुनः प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करके और आजीवन सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देकर एआई के इन मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभावों को संबोधित करना महत्वपूर्ण है।
वास्तव में, हम एआई के गहरे प्रभाव के पैमाने को निर्धारित नहीं कर सकते। सामाजिक प्रभावों के परिणाम हॉलीवुड लेखकों और फिल्म उद्योग की हड़ताल की कार्रवाई में दिखाई दे रहे हैं।
अनुमान है कि, एआई, फिल्मों और टीवी शो के लिए लेखन से संबंधित लाखों नौकरियों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। एआई के कारण सब कुछ खोने का यह डर, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का कारण बन रहा है। इसी तरह का डर अन्य सभी उद्योग क्षेत्रों में पहले से ही व्याप्त है।
विशिष्ट उद्योगों पर प्रभाव:
विशिष्ट उद्योग एआई द्वारा व्यवधान के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
उदाहरण के लिए, स्वायत्त वाहनों के विकास के कारण परिवहन और प्रचालन तंत्र (Logistics) को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जबकि, एआई-संचालित *चैटबॉट ( Chatbots ), ग्राहक सेवा और सहायक भूमिकाओं की जगह ले सकते हैं।
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अनुमान है कि एआई फिल्मों और टीवी शो के लिए लेखन से संबंधित लाखों नौकरियों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा
इन परिवर्तनों के साथ सामंजस्य स्थापित करना और वैकल्पिक रोजगार के अवसर खोजना, इन उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
उद्योगों और नौकरियों की एक लंबी सूची विलुप्त होने के कगार पर है। जैसे लेखक, संगीतकार, सॉफ्टवेयर डेवलपर (software developers), कॉल सेंटर एजेंट, प्रकाशक, परिधान डिजाइनर, फोटो और वीडियो संपादक, वित्तीय बाजार व्यापारी, विश्लेषक और कई अन्य।
ओईसीडी (OECD) (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित नौकरियां,अत्यधिक कुशल व्यवसायों में होंगी जैसे कि, चिकित्सा, कानून और वित्त ।
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उद्योगों और नौकरियों की एक लंबी सूची विलुप्त होने के कगार पर है
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:
एआई को व्यापक रूप से अपनाने से महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक परिणाम हो सकते हैं। इससे धन के वितरण में बदलाव, आय असमानता में वृद्धि और नौकरी बाजार की संरचना में स्थानांतरण हो सकता है।
कार्य का निष्पक्ष और समावेशी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माताओं और संगठनों को इन संभावित प्रभावों का पूर्वानुमान लगाने और उन्हें कम करने की आवश्यकता है।
नीति निर्माताओं के लिए भविष्य की चुनौतियाँ होंगी, एआई के कारण मानव नौकरियों और उत्पादकता लाभ के बीच संतुलन बनाना ।
विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में कम्प्यूटरीकृत प्रणालियों के आगमन के साथ पहले भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना किया गया था। किन्तु, तब और अब में अंतर कम्प्यूटरीकृत प्रणालियों की प्रकृति का है।
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एआई के कारण नीति निर्माताओं के लिए भविष्य की चुनौतियाँ होंगी, मानव नौकरियों और उत्पादकता लाभ के बीच संतुलन बनाना
पहले, कम्प्यूटरीकृत प्रणालियाँ मानव प्रणालियों का समर्थन करती थीं और उन्हें मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती थी। किन्तु, एआई के साथ, कम्प्यूटरीकृत प्रणालियां इंसानों की तरह ही स्वतंत्र होंगी और उनकी तरह ही उनमें गणना करने की क्षमता होगी जो कि, इंसानों से लाख गुना तेज होगी।
भविष्य में, बहुत ही चिंताजनक समय आने वाला है!
* सबसे बुनियादी स्तर पर, चैटबॉट एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो मानव वार्तालाप (या तो लिखित या मौखिक) का अनुकरण और प्रसंस्करण करता है, जिससे मनुष्यों को डिजिटल उपकरणों के साथ बातचीत करने की अनुमति मिलती है जैसे कि, वे किसी वास्तविक व्यक्ति के साथ संचार कर रहे हों।
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