पेगासस - एक नया ईश्वर
पेगासस - एक नया ईश्वर
Pegasus - Faceless, Clickless, Stealth God का हिन्दी रूपांतर
~ सोनू बिष्ट
पेगासस, वह नया ईश्वर है, जो बिल्कुल हमारे नजदीक बैठा है।
कई लोग अभी भी इस ईश्वर रूपी, चेहराविहीन, क्लिकलेस (बिना क्लिक के) स्पाईवेयर के रहस्य, के उजागर होने से चिंतित नहीं है।
उनके लिए यह अभी सिर्फ उन लोगों का मामला है, जो संभावित रूप से हैक (Hack) किये गए, या जिनके नामों को फॉरबिडेन स्टोरीज (Forbiddenstories.org) मैगज़ीन (पेरिस) ने अपनी सूची में उजागर किया है।
इसलिए, अभी आम जनता के लिए यह कोई चिंता का विषय नहीं प्रतीत हो रहा है।
इस मामले को सूक्ष्म करने के लिए यह अच्छा तर्क है।
क्या आम जनता भी इससे प्रभावित हो सकती है? तब तक वह निश्चिंत रह सकते है, जब तक उन्हें पता नहीं लग जायें, कि, उनके फोन पर पेगासस का कब्जा है।
किन्तु सवाल यह नहीं की किसकी जासूसी की गयी, और क्यों। विचारणीय प्रश्न यह है कि, भविष्य में क्या होगा।
यह कोई रहस्योद्घाटन नहीं है कि, हम सभी सर्वोच्च पेगासस शक्ति की निरंतर निगरानी में है। हम सब की गतिशीलता परिवर्तित हो जाएगी, जैसे ही इसके प्रभाव सामने आने लगेंगे।
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विचारणीय प्रश्न यह है कि, भविष्य में क्या होगा
उसकी जासूसी की क्षमता को उजागर करते हुए, पेगासस की कहानी के विभिन्न पहलू हर दिन सामने आ रहे है।
वह लोग जिनके नाम इस सूची में उजागर हुए है, वे कोई अपराधी,आतंकवादी, या देश के लिए संभावित खतरा नहीं है।
आश्चर्यजनक रूप से, वे राष्ट्रपति, शाही परिवार के सदस्य, न्यायाधीश, शांतिपूर्ण कार्यकर्ता, पत्रकार, सरकारी मंत्री, राजनीतिक नेता और अन्य निर्दोष है।
कोई भी स्पाईवेयर के अनाचार से अछूता नहीं रहा, अमीर या शक्तिशाली, सभी समान रूप से उसके शिकार हुए।
दुःख पूर्वक, इस स्पाईवेयर के हथियार वाला हमलावर, कोई और नहीं किसी की सरकार ही है। सरकार का किसी मासूम और निर्दोष इंसान पर जासूसी करवाना, उसकी नैतिकता पर प्रश्न खड़ा करता है।
अगर इस गुप्तचरी अभ्यास का विवेचन करें तो वह संगीन है, क्योंकि यह उनकी निजता पर हमला है और गुप्त रूप से किसी के जीवन पर अपना स्वामित्व बनाने का प्रयास है।
हानिकारक तत्वों पर जासूसी करवाना कोई नया नहीं है, अगर वह कानून , व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में हो, और दुश्मन को उसकी निषेधात्मक गतिविधियों से दूर रखे।
यहाँ तक की आपको ज्ञात होगा की डिजिटल जासूसी (DIGITAL SPYING ) सरकार द्वारा फ़ोन टैपिंग और डाटा भंग (DATA BREACHES ) के जरिये करवाई जाती रही है, किन्तु यह हमेशा वैध उदेश्यो के लिए विधि विधान द्वारा अधिकृत होते है।
पेगासस इन उदेश्यो के बिल्कुल भी अनुरूप नहीं दिखता, हालाँकि यह दावा किया गया है की इसका इस्तेमाल केवल सरकारों द्वारा किया जाता है।
किन्तु, वास्तव में ये एक हथियार के रूप में सामने आता है, जिसका इस्तेमाल एक निजी व्यक्ति करता है, जो हो सकता है सत्ता में हो।
जैसा की पेगासस सूची से उजागर हुआ है, कि,ये स्पाईवेयर, संभवतह दुर्भावनापूर्ण उदेश्यो को पूरा करने के लिए उपयोग में लाया गया था।
यह एक व्यापक निगरानी थी, जिसमें निजी जानकारियों को एकत्र किया गया था, भविष्य में उनसे लाभ उठाने के लिए। इसके लक्ष्य पर केवल निर्दोष नागरिक थे।
हमारी चर्चा के इस भाग में, चलिए, हम घरेलू जासूसी पर ध्यान केंद्रित करते है। जैसे ,यदि किसी व्यक्ति की जासूसी की जाती है, तो उसका केवल एक उद्देश्य होता है, अपराध को रोकना या कानूनी मामलों के लिए साक्ष्य एकत्र करना ।
वरना बड़े पैमाने पर घरेलू उद्देश्यों, के लिए जानकारी एकत्र करना, आधिकारिक तौर पर सांख्यिकीय तरीकों और समाज की रूपरेखा पर आधारित होता है।
राष्ट्रीय पहचान पत्र ,बैंक विवरण ,शिक्षा व्यवसाय -स्थिति, पता और अन्य विवरण उपयोग में लाये जाते है। इस कार्यप्रणाली में, एक व्यक्ति केवल सांख्यिकीय अंक होता है।
लेकिन पेगासस के साथ, एक व्यक्ति विशेष सटीक लक्ष्य पर होता है ,जहां उसकी हर संभव निजी जानकारी एकत्र की जाती है।
जिसमें परस्पर सामाजिक संपर्क जैसे, चैट और कॉल रिकार्ड (record), पासवर्ड (password), निजी सामाजिक संबंध, ऑडियो (audio) विज़ुअल (visual) के माध्यम से रोजमर्रा की क्रियाएं शामिल है।
एक तरह से ,स्पाईवेयर किसी के जीवन का हर क्षण जमा कर रहा है। यदि कोई इस एकत्र डाटा का विश्लेषण करें, तो वह किसी भी व्यक्ति की गहरी विचार प्रक्रिया, को पहचान सकता है ,जो की खतरनाक है।
उससे भी गंभीर यह है इस एकत्रित जानकारी को विश्लेषित और साझा किया जाता है, सम्भाव्यत : उन व्यक्तियों के कार्यों को नियंत्रित करने के लिए ।
कल्पना कीजिये की अगर, सरकारें एक व्यक्ति के जीवन काल की अवधि में यह सारी जानकारी एकत्र करें, तब संचालक जो स्पाइवेर के मालिक है , वह व्यक्ति विशेष को गंभीर जोखिम में डाल सकते है।
यदि अधिकांश जनसंख्या के लिए बड़े पैमाने पर ,जानकारी एकत्र की गई हो,जो की इस डिजिटल (Digital) युग में संभव है, तब कोई भी संचालक सहजता से ईश्वर की भूमिका निभाना शुरू कर सकता है।
यह एक शक्तिशाली क्षमता है , किसी के भी हाथों में, जो की खतरनाक है।
सीमा पार विदेशी सरकारें भी, यही कर रही है। जैसा की हमें पता चला, एक देश की सरकार ने दूसरे शक्तिशाली G7 राष्ट्र, फ्रांस के राष्ट्रपति के स्मार्टफोन (Smartphone) पर कथित रूप से स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया।
फ़्रांस अब बेनकाब खड़ा है , और इस तरह से G7 राष्ट्र भी। हम कभी नहीं जान सकते की, कितने समय तक फ्रांसीसी राष्ट्रपति की जासूसी हो रही थी।
केवल समय ही बता सकता है की G7, यूरोपीय संघ (EU) और फ़्रांसीसी रणनीतियाँ किस हद तक गलत हाथों में पड़ गई है।
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अगर इस स्पाइवेर ने G7 राष्ट्र और यूरोपीय संघ ( EU ) की सुरक्षा चक्र को भेद लिया है, तो वैश्विक असुरक्षा आज अपने चरम पर है
पेगासस का एक और आयाम है, इसका डिजिटल आर्किटेक्चर (architecture), वह सर्वर (server) जहां सारी जानकारी संग्रहित है, जो की इजराइल (Israel) में है, ग्राहक के देश में नहीं।
अब यह इजराइल के विवेक पर निर्भर करता है, की वह डाटा (data) को सुरक्षित रखे, नष्ट करें, या अपने लाभ के लिये, अन्य अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियो से साझा करें ।
अभी इस वक्त कुछ विशेषाधिकार सरकारों द्वारा ही पेगासस स्पाईवेयर का उपयोग किया जाता है।
अनुमान है की जल्द ही , स्पाईवेयर के सस्ते संस्करण ,सभी सरकारों द्वारा अपने नागरिकों और विदेशियों दोनों के ऊपर उपयोग किये जायेंगे।
जासूसी के लिए कोई भी डिजिटल (Digital) वस्तु इस्तेमाल हो सकती है ,जैसे -टेलीविजन, मोबाइल, कंप्यूटर, वाहन, वाईफाई-राउटर (Wi-Fi router), फ्रिज, लाइट और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things - IOT) से जुड़ा कोई भी उपकरण।
इस तरह से जासूसी करना असीमित और आसान होगा।
कोई भी संचालक इस संग्रह को अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI) एल्गोरिथम (Algorithm) में चला सकता है, और उन्हें एक विशेष श्रेणी वाले नागरिकों की सूची मिलेगी, जिस में से रुचि के लोग लक्षित किये जा सकते है ।
उनकी भौगोलिक स्थिति क्या है, वह मायने नहीं रखती ।
इसकी जटिलता और निगरानी के पैमाने को, अबोधगम्य (जिसे समझना असंभव हो) कहना ठीक होगा ।
इसके बजाय यह कहना भी गलत नहीं होगा की, हर नागरिक का जीवन चाहे वह किसी भी देश से संबंध रखता हो, नाटकीय और खतरनाक तरीके से बदल जायेगा, और बुरी खबर यह है, कि इसे कोई रोक नहीं सकता ।
हमारे भविष्य को नाटकीय और खतरनाक 'शब्द' से संबोधित करने के पीछे, विभिन्न कारण है।
कोई भी वस्तु जो आज अधिमूल्य (प्रीमियम) और विशिष्ट है, भविष्य में आसानी से उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, 20 साल पहले ,मोबाइल एक अधिमूल्य था । अमीर , प्रसिद्ध और शक्तिशाली लोग ही मोबाइल का स्वामित्व रखते थे ।
किन्तु आज यह एक उपयोगी वस्तु है, और अरबों लोगों के जीवन की कल्पना इसके बिना नहीं की जा सकती। समानतः कार ,टेलीविजन, वाणिज्य उड़ानों, आदि के साथ भी यही हुआ ।
इस प्रवृति के कारण पेगासस जैसे स्पाईवेयर के सस्ते संस्करण जल्द उपलब्ध होंगे ।
निस्संदेह, सभी सरकारों के उपयोग के लिए, अपने नागरिकों के ऊपर और विश्व स्तर पर दूसरों के खिलाफ, बस एक फ़ोन नंबर काफी होगा किसी के सारे डाटा पर कब्ज़ा करने के लिए ।
यह सरकार की क्षमताओं पर निर्भर करता है की वह स्पाइवेयर को खरीद लें या उसे स्वयं विकसित कर ले ।
पेगासस की कहानी सामने आने के बाद, यह आश्चर्यजनक होगा की अनेक सरकारों ने, इस स्पाईवेयर को विकसित करने के लिए, तुरंत ही अपने प्रतिभाशाली लोगों को न लगाया हो।
कोई भी, दुनिया के सुदूर हिस्से से, हमारे डिजिटल जीवन का स्वामित्व रख सकता है, जहां कोई अधिकार क्षेत्र प्रबल नहीं होगा।
एक मिस्ड कॉल की आवश्यकता है बस, और बिना क्लिक के वह चेहराविहीन, ईश्वरीय भूमिका निभाना शुरू कर देगा।
वही एक दूसरा पक्ष भी है।
निरपराधों, के लिए चिंता की कोई बात नही है। क्योंकि, अभी पेगासस सिर्फ उन लोगों के लिए खतरा है, जिनका पक्ष संशयी है।
एक बड़े तौर पर देखे तो साधारण जनता की सार्वभौमिक पैमाने पर अगर जासूसी की जाती है, तो हम पेगासस को कानूनी क्यों नहीं बना सकते ?
क्यों नही हम सभी स्मार्टफोनों मे पहले से पेगासस स्पाईवेयर प्रीइंस्टॉल्ड (पूर्वस्थापित) कर ले ,और एकत्र किये डाटा को पब्लिक में साझा करें, उसी तरह जैसे फेसबुक प्रोफाइल (FaceBook Profile) में किया जाता है।
जैसे, फेस्बूक में हर कोई खुश, ईमानदार और लोकोपकारी दिखने की कोशिश करता है , परन्तु पेगासस के साथ उन्हें यह यथार्थवादी बनना होगा।
हालांकि अभी ये बाते कल्पना की उड़ान लगे किन्तु, हमें इस विचार में पीछे नहीं रहना चाहिये, यदि यह दुनिया को एक सुरक्षित जगह बना सके।
ब्लॉकचेन (Blockchain) तकनीक के साथ, ठीक इसी तरह का प्रयास पहले से किया जा रहा है ।
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जासूसी करना असीमित और आसान होगा
अपनी और दूसरों की आबादी को सीधे नियंत्रित करने का खेल, अब खुले तौर पर शुरू हो गया है। ईश्वर कौन होगा, यह इस बात पर निर्भर होगा की किसके पास दूसरों के बारे में अधिक अहम जानकारी है।
लोगो की जासूसी करने से लेकर, ईश्वर की भूमिका निभाने तक, पेगासस ने जासूसी की कला को परिष्कृत किया है ।
पेगासस की शक्ति रखने वाला कोई भी व्यक्ति, किसी अन्य को नियंत्रित कर सकता है । यह एक डरावना भविष्य है; जिसमे हम सब रहने वाले है।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न यह है की क्या पेगासस किसी और के लिए ,जानकारी एकत्र करने का उपकरण मात्र है ? वह चेहराविहीन कौन है ?
इसका केवल भविष्य में ही खुलासा होगा।
दुनिया अब स्वतंत्र महसूस नहीं करती है । यह निर्विवाद है की कोई हम सभी को देख रहा है ,और यह डर भी विद्यमान है की कोई हमारे जीवन को ईश्वर की भांति अधिकार में ले सकता है।
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