बोतलबंद पानी - डूबती धरती
बोतलबंद पानी - डूबती धरती
Bottled Water - Sinking Earth का हिन्दी रूपांतर एवं सम्पादन
~ सोनू बिष्ट
जैसे-जैसे पानी की कमी बढ़ती जा रही है, 'बोतलबंद पानी उद्योग' की प्लास्टिक और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के लिए आलोचना की जा रही है।
हर साल लाखों टन प्लास्टिक हमारे महासागरों में समा जाता है जहां, यह समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाता है और जलवायु परिवर्तन में योगदान देता है।
इन चिंताओं के बावजूद, बोतलबंद पानी अभी भी दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय विकल्प है।
फायदे
भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा में बोतलबंद पानी तक पहुंचना आसान है। यह फायदेमंद है क्योंकि, लोगों के पास पीने और जीवित रहने के लिए साफ पानी होगा।
इसके अलावा, बोतलबंद पानी परिवहन के लिए भी आसान है और इसे लंबी अवधि के लिए संग्रहीत किया जा सकता है।
आंकड़ों के अनुसार, एक प्राकृतिक आपदा के बाद बोतलबंद पानी की बिक्री में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऐसा इसलिए है क्योंकि, लोग और सरकारें स्वच्छ पानी के महत्व के बारे में अधिक जागरूक हैं और इसके समर्थन में सबसे आगे हैं।
इसके अलावा, बोतलबंद पानी की कंपनियां, लोग और सरकारें अक्सर प्राकृतिक आपदाओं के बाद पानी का दान करती हैं। यह उन लोगों के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने में मदद करता है जिन्हें, इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है और यह आपात स्थिति में जीवन रक्षक हो सकता है।
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बोतलबंद पानी की कंपनियां, लोग और सरकारें अक्सर प्राकृतिक आपदाओं के बाद पानी का दान करती हैं
बोतलबंद पानी उन क्षेत्रों में जीवन रक्षक हो सकता है जहां, पीने का साफ पानी दुर्लभ है। अभावग्रस्त क्षेत्रों में, स्वच्छ पानी तक पहुंच जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर हो सकता है।
सामान्य दैनिक जीवन में, 'बोतलबंद पानी' व्यस्तता की स्थिति में पानी की मात्रा को बनाये रखने के सबसे सुविधाजनक तरीकों में से एक है।
जिनके पास पैसा हैं, उनके लिए बोतलबंद पानी स्वस्थ और हाइड्रेटेड(शरीर में पानी की मात्रा को बनाये रखना) रहने का एक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीका प्रदान करता है।
व्यवहारिक अर्थशास्त्र
कुछ लोग मानते हैं कि, बोतलबंद पानी एक आवश्यक बुराई है जबकि, अन्य इसे एक अनावश्यक विलास की वस्तु के रूप में देखते हैं।
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि, बोतलबंद पानी महंगा होता है। हालांकि, बहुत से लोग पानी के सुरक्षित होने के बारे में जानते हुए भी सुविधा और मन की शांति के लिए अधिमूल्य (Premium) का भुगतान करने को तैयार हैं।
जबकि बहुत से लोग बोतलबंद पानी का महत्व नही समझते, यह एक अपेक्षाकृत नया तथ्य है। 1950 के दशक से पहले, दुनिया की बाकी आबादी की तरह, अमेरिकी भी आम तौर पर सार्वजनिक कुओं से या अपने घरों में नल से पानी पीते थे।
हालाँकि, जैसे-जैसे देश अधिक औद्योगीकृत और शहरीकृत होता गया, जल प्रदूषण के बारे में चिंताएँ बढ़ती गईं।
साथ ही, कूपीभरण (बॉटलिंग) तकनीक की प्रगति ने एक बड़ी आबादी के लिए सुरक्षित और शुद्ध पानी का बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव बना दिया है।
इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जैसे-जैसे दुनिया तेजी से औद्योगीकृत होती जा रही है, स्वच्छ पानी तक पहुंच एक अत्यधिक चिंता का विषय बनता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लगभग 1 अरब लोगों के पास पीने के साफ पानी की कमी है।
गरीबी और स्वच्छ पानी
गरीबी एक गंभीर वैश्विक मुद्दा है और पानी की पहुंच पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। विश्व बैंक के अनुसार, अनुमानित 78.3 करोड़ लोगों के पास पीने का साफ पानी नहीं है।
इसकी पहुंच के अभाव में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें निर्जलीकरण, पेट से जुड़ी बीमारियां, हैजा और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
अभावग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को प्रायः अपने सीमित संसाधनों के उपयोग और भोजन या साफ पानी को खरीदने के बीच चयन करना पड़ता है। नतीजतन, कई लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हो जाते है जिससे, घातक बीमारियां हो सकती हैं।
जबकि, अभावग्रस्त क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कुछ प्रयास किए गए हैं किन्तु और भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है । बोतलबंद पानी केवल एक अस्थायी समाधान हो सकता है।
पानी का मुद्रीकरण
आज बोतलबंद पानी एक बड़ा व्यवसाय है। कोई माने या ना माने कि, बोतलबंद पानी एक अनावश्यक विलास की वस्तु है किन्तु, वह इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि, यह एक बहुत बड़ा कारोबार है।
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2015 में, वैश्विक बोतलबंद पानी का बाजार 1 खरब 56 अरब का था और 2025 तक इसके बढ़कर 2 खरब 80 अरब होने की उम्मीद है
2015 में, वैश्विक बोतलबंद पानी का बाजार 1 खरब 56 अरब का था और 2025 तक इसके बढ़कर 2 खरब 80 अरब होने की उम्मीद है। विकासशील देश इसमें सबसे अधिक योगदान करते हैं जहां, अगले दशक में बिक्री चौगुनी होने की उम्मीद है।
अकेले अमेरिका में, बिक्री 2018 में 2100 करोड़ डॉलर से ऊपर रही।
इतनी बड़ी वित्तीय भागेदारी के साथ, कोई आश्चर्य नहीं कि, बोतलबंद पानी उद्योग तेजी से जांच के दायरे में आ रहा है।
उद्योग लाभ
बोतलबंद पानी दुनिया के सबसे लाभदायक उद्योगों में से एक है। 2016 में, 'द वॉल स्ट्रीट' (The Wall Street) जर्नल ने अनुमान लगाया कि, यह उद्योग 2 खरब 20 अरब के लगभग था और यह सिर्फ बढ़ता ही जा रहा है ।
यूरोमॉनिटर (ब्रिटिश कंपनी) के अनुसार, वैश्विक बोतलबंद पानी का बाजार लगभग 20% बढ़ने की उम्मीद है।
आलोचकों का तर्क है कि, उद्योग लाभ उपभोक्ताओं के खर्च पर आता है जो, बोतलबंद पानी के लिए, नल के पानी की तुलना में 2000 गुना अधिक भुगतान कर रहे हैं।
पर्यावरण के लिए हानिकारक
बोतलबंद पानी पीना दुनिया में सबसे लोकप्रिय आदतों में से एक है, किन्तु इसका पर्यावरणीय प्रभाव काफी बड़ा है।
प्लास्टिक की बोतलों का निर्माण बड़ी मात्रा में ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करता है और जब उन बोतलों को फेंक दिया जाता है, तो वे कचरा भराव क्षेत्र (लैंडफिल) में चली जाती हैं।
वहां वे पर्यावरण में हानिकारक रसायन छोड़ते हैं। इसके अलावा, पानी की औसत बोतल के उत्पादन के लिए 3 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
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प्लास्टिक की बोतलों का निर्माण बड़ी मात्रा में ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करता है और जब उन बोतलों को फेंक दिया जाता है, तो वे कचरा भराव क्षेत्र (लैंडफिल) में चली जाती हैं
प्लास्टिक की बोतलें 'समुद्री प्रदूषण' का सबसे आम रूप हैं। दुर्भाग्य से, यह एक मिथक (Myth) है कि, पानी की बोतलों को पुनः चक्रित किया जाता है क्योंकि, ऐसा अनुमानित है कि, केवल 1% प्लास्टिक की बोतलों का ही पुनर्चक्रण किया जाता है।
इसके अलावा, बोतलबंद पानी के परिवहन से काफी बडी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है।
आलोचकों का यह भी तर्क है कि, यह अनावश्यक रूप से महंगा है। वे यह भी बताते हैं कि, बोतलबंद पानी, जल की कमी के बुनियादी कारणों को दूर करने के लिए कुछ नहीं करता है।
हित का संघर्ष
बोतलबंद पानी एक बड़ा व्यवसाय है और कंपनियां लाभ-संचालित हैं। नतीजतन, उद्योग में निजी कंपनियों और सार्वजनिक जल आपूर्ति के बीच हितों का टकराव है।
ये कंपनियां अक्सर अपने पानी को नगरपालिका स्रोतों से प्राप्त करती हैं, जिसका अर्थ है कि, वे सार्वजनिक संसाधन से लाभ कमा रहे हैं। वे एक सार्वजनिक संसाधन का लाभ उठा रहे हैं और इसे उपभोक्ताओं को एक मार्कअप (मूल्य बढ़ाना) पर वापस बेच रहे हैं।
बोतलबंद पानी, पर यह तर्क भी दिया जा सकता है कि, यह नल के पानी से ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक नहीं है क्योंकि, बोतलें स्वयं प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
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बोतलबंद पानी, पर यह तर्क भी दिया जा सकता है कि, यह नल के पानी से ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक नहीं है क्योंकि, बोतलें स्वयं प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं
इसके अलावा, वे दावे के साथ कहते है कि, 'बोतलबंद पानी उद्योग' उपभोक्ताओं को यह समझाने के लिए, उन्हें 'पानी' नामक उत्पाद खरीदने की ज़रूरत है 'विपणन रणनीति' का उपयोग करता है। जो कि, अन्यथा आसानी से मुफ्त में उपलब्ध है।
इसके अलावा, कई 'बोतलबंद पानी कंपनियों' पर यह आरोप भी लगाए गए है कि, वे उपभोक्ताओं को उनके पानी के स्रोत और गुणवत्ता के बारे में गुमराह करते है।
सुरक्षा
बोतलबंद पानी की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। जबकि 'बोतलबंद पानी' कंपनियां जोर देकर कहती हैं कि, उनका उत्पाद सुरक्षित है, किंतु फिर भी कई लोगों का तर्क है कि, इसके उत्पादन और भंडारण से होने वाला प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करता है।
इसके अलावा, बोतलबंद पानी को अक्सर प्लास्टिक के कंटेनरों में संग्रहीत किया जाता है, जिससे पानी में रसायनों का रिसाव हो सकता है।
अध्ययनों से पता चला है कि, गर्मी के अल्पकालिक संपर्क से भी प्लास्टिक की बोतलों से रासायनिक रसाव की मात्रा बढ़ सकती है।
चूंकि, प्लास्टिक गर्मी का एक उत्कृष्ट संवाहक है, इसलिए गर्म तापमान, रसायनों का बोतल से पानी में घुल जाने का कारण बन सकता है।
यह ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से विचार करने योग्य है क्योंकि, बहुत से लोग बोतलबंद पानी को गर्म कारों या सीधी धूप में रखते हैं।
जो लोग पानी पीते हैं वे इन रसायनों को भी साथ मे निगल लेते हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
उदाहरण के लिए, बीपीए (BPA), एक रसायन जिसका कई प्लास्टिक्स में इस्तेमाल किया जाता है, बहुत सी बीमारियों का कारण बनता है, जिसमें हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन संबंधी समस्याएं शामिल हैं।
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उदाहरण के लिए, बीपीए (BPA), एक रसायन जिसका कई प्लास्टिक्स में इस्तेमाल किया जाता है, बहुत सी बीमारियों का कारण बनता है
उसी तरह से, बढ़ते सबूत बताते हैं कि, बोतलबंद पानी उतना सुरक्षित नहीं हो सकता जितना हमने सोचा था। इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण चिंता प्रदूषण है; विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक अध्ययन में पाया गया कि, 90% बोतलबंद पानी के नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक होता है।
ये छोटे कण पानी और खाद्य श्रृंखला के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और पेट की गड़बड़ी, हार्मोनल व्यवधान और कैंसर सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं।
इन चिंताओं को देखते हुए, कुछ लोगों का तर्क है कि, बोतलबंद पानी की तुलना में 'नल का पानी' पीना अधिक सुरक्षित है।
अमेरिका में 'नल का पानी ' दुनिया में सबसे सुरक्षित माना जाता है। यह पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) द्वारा कठोरतापूर्वक नियंत्रित है, जो सख्त तौर पर पानी की गुणवत्ता और उपचार मानकों को निर्धारित करती है।
इसके विपरीत, 'बोतलबंद पानी' को केवल खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसमें मानक कमजोर हैं। नतीजतन, बोतलबंद पानी कभी-कभी नल के पानी की तुलना में खराब गुणवत्ता का हो सकता है।
इसके अलावा, 'बोतलबंद पानी कंपनियों' को अपने स्रोतों या निस्पंदन विधियों की जानकारी साझा करना आवश्यक नही होता जिससे, उपभोक्ताओं के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि, वे क्या पी रहे हैं।
भूजल की कमी
'भूजल की कमी' बोतलबंद पानी के उत्पादन से जुड़ी प्रमुख पर्यावरणीय चिंताओं में से एक है। जिस तरह से दुनिया की आबादी बढ़ती जा रही है, उतनी ही पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है।
2025 तक, दुनिया की दो-तिहाई आबादी जल-संकट वाले क्षेत्रों में रह रही होगी।
इस बढ़ती मांग को शांत करने का एक तरीका बोतलबंद पानी की ओर रुख करना है। दुनिया भर में हर साल अरबों पानी की बोतलों का उत्पादन और बिक्री होती है।
यद्यपि बोतलबंद पानी एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है किन्तु, फिर भी हमें उत्पादन की पर्यावरणीय लागतों पर विचार करने की आवश्यकता है।
बोतलबंद पानी के उत्पादन के लिए बड़ी मात्रा में भूजल की आवश्यकता होती है जो, हमारे प्राकृतिक संसाधनों को खतरनाक दर से कम कर रहा है।
बॉटलिंग कंपनियों को भूमिगत जलभृतों (जलदायी स्तर)से पानी निकालने के लिए गहरे कुओं की छेदन यंत्र (Drill) से खुदाई करनी चाहिए। यह प्रक्रिया भूजल स्तर को कम कर सकती है और उन क्षेत्रों में सूखे की स्थिति पैदा कर सकती है जहां कुएं स्थित हैं।
इसके अतिरिक्त, बॉटलिंग कंपनियां अक्सर अपने उत्पादों के परिवहन और भंडारण के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उपयोग करती हैं जिससे, जलवायु परिवर्तन में और योगदान होता है।
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'राष्ट्रीय भूमि जल समिति' के अनुसार अमेरिका में भूजल, सालाना इस्तेमाल होने वाले पानी के 40% की आपूर्ति करता है
'राष्ट्रीय भूमि जल समिति' के अनुसार अमेरिका में भूजल, सालाना इस्तेमाल होने वाले पानी के 40% की आपूर्ति करता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में, अधिक पानी निकालने के कारण भूजल स्तर में गिरावट आ रही है।
इसके अलावा, बॉटलिंग कंपनियां अक्सर भूजल को तेजी से निकालती हैं बजाय इसकी पुनः पूर्ति के और इस महत्वपूर्ण संसाधन को अधिक कम कर देती हैं। अन्य क्षेत्रों में सूखे और जलवायु परिवर्तन के कारण भूजल स्तर गिर रहा है। इसके चलते कई समुदाय जल संकट का सामना कर रहे हैं।
पुनर्चक्रण
प्लास्टिक पुनर्चक्रण रद्दी या बेकार
प्लास्टिक को पुनः प्राप्त करने की प्रक्रिया है। इसे फिर उपयोगी उत्पादों में पुन: संसाधित किया जाता है। कभी-कभी परिवर्तित उत्पाद अपनी मूल स्थिति से बहुत भिन्न होता है।
उदाहरण के लिए, इसका मतलब पानी की बोतलों को पिघलाना और फिर उन्हें प्लास्टिक की कुर्सियों और टेबल के रूप में ढालना हो सकता है।
पुनर्चक्रण के लिए बोतलों को इकट्ठा करना फिर से एक जटिल सामाजिक परियोजना है।
पहली प्लास्टिक पुनर्चक्रण फैक्ट्री 1872 में अल्फ्रेड बेंजामिन कोल द्वारा बनाई गई थी। पहले के प्लास्टिक प्राकृतिक सामग्री जैसे कोशिकारस (बिनौला रेशे से)
और रबर (गुट्टा-पर्च से) पर आधारित थे।
फिर, इन्हें जल्द ही सिंथेटिक सामग्री जैसे बेकेलाइट (1907), पॉलीस्टाइरीन (1930), पीवीसी (1933), पॉलीथिन टेरेफ्थेलेट (1953) आदि से बदल दिया गया क्योंकि, वे उत्पादन के लिए सस्ते थे और इनमें बेहतर भौतिक गुण थे।
वर्तमान में, दुनिया में केवल कुछ कंपनियां ही पीईटी(पॉलिएस्टर) को प्लास्टिक में पुनः चक्रित कर सकती हैं । जिनका उपयोग सख्त खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं के कारण खाद्य पैकेजिंग के लिए किया जा सकता है।
जबकि प्लास्टिक पुनर्चक्रण की अक्सर एक महत्वपूर्ण अपशिष्ट प्रबंधन साधन के रूप में प्रशंसा की जाती है, फिर भी इसके कुछ आलोचक है।
कुछ लोगों का तर्क है कि, बड़े पैमाने पर प्लास्टिक पुनर्चक्रण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और संसाधन दुनिया के कई हिस्सों में उपलब्ध नहीं हैं जिससे, इसे वैश्विक स्तर पर लागू करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अन्य इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि, कई प्रकार के प्लास्टिक पुनः चक्रित करने योग्य नहीं होते या केवल सीमित समय के लिए ही पुनः चक्रित किए जा सकते हैं। इससे पहले कि, गुणवत्ता में गिरावट के कारण उनकी वैधता समाप्त हो जाए।
और अंत में, कुछ लोगों का तर्क है कि, पुनः चक्रित प्लास्टिक के उत्पादन के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और नए प्लास्टिक को शुरुआत से बनाने की तुलना में अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन उत्पन्न होता है।
दुनिया भर में डिस्पोजेबल या सिंगल यूज प्लास्टिक की पानी की बोतलों का इस्तेमाल आम बात है। यह अनुमान है कि, हर मिनट 10 लाख से अधिक प्लास्टिक की पानी की बोतलें बेची जाती हैं।
हालांकि, इनमें से अधिकतर बोतलों को पुनः चक्रित नहीं किया जाता है और वे कचड़ा भराव क्षेत्र में पहुँच जाती हैं। वहीं पड़े रहने पर, सड़ने में यह सैकड़ों साल लगा सकते हैं।
क्या बोतलबंद पानी पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए?
इन चिंताओं को देखते हुए, कुछ लोगों का तर्क है कि, हमें बोतलबंद पानी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए। हालाँकि, यह एक जटिल समस्या का एक अदूरदर्शी समाधान होगा।
कई लोगों के लिए, बोतलबंद पानी ही 'पीने के पानी' का एकमात्र सुरक्षित विकल्प है, खासकर सूखे या दूषित भूजल जैसे अन्य जल संकट से प्रभावित क्षेत्रों में। इन हालातों में, स्वच्छ, सुरक्षित पेयजल तक पहुंच जीवन और मृत्यु का मामला है।
बोतलबंद पानी पर प्रतिबंध तब तक जवाब नहीं है, जब तक हमारे पास सभी के लिए सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने का अधिक स्थायी तरीका नहीं है।
जैसे कि, बहस जारी है, यह स्पष्ट है कि, बोतलबंद पानी उद्योग दृढ़ता से स्थापित है।
समाधान
सौभाग्य से, बोतलबंद पानी से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के कुछ आसान तरीके हैं।
एक तरीका है, भूजल को सुरक्षित रखने में मदद करने का जैसे कि, बोतलबंद पानी का उपयोग तभी करना है जब आवश्यक हो।
दूसरा इसके बजाय नल का पानी पीना है - यह मुफ़्त है और बोतलबंद पानी जितना ही सुरक्षित है।
तीसरा, एक दोबारा इस्तेमाल करने योग्य पानी की बोतल में निवेश करना है, जिसे लोग नल से भर सकते हैं।
यदि कोई नल के पानी की गुणवत्ता के बारे में चिंतित है तो, घरेलू निस्पंदन प्रणाली स्थापित करने पर विचार करें जैसे कि, भारत मे है।
हालांकि बोतलबंद पानी कंपनियों की उनके पर्यावरणीय प्रभाव के लिए आलोचना की गई है, कुछ कंपनियां बदलाव के लिए काम कर रही हैं।
उदाहरण के लिए, 'नेस्ले वाटर्स'(Nestle Waters) नॉर्थ अमेरिका ने दुनिया भर में गरीबी से पीड़ित समुदायों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए 'वाटरएड' (WaterAid ) और 'वी चैरिटी' (WE Charity) जैसे दानी संस्थाओं (चैरिटी) के साथ भागीदारी की है।
उदाहरण के लिए, 'नेस्ले' ने 2025 तक अपनी सभी पैकेजिंग को पुन: चक्रित या पुन: प्रयोज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध किया है।
निष्कर्ष
अंत में, बोतलबंद पानी की कीमत पर्ची पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
कुछ कंपनियों ने इन मुद्दों पर कार्रवाई करने की शुरुआत कर दी हैं। किन्तु आलोचकों का कहना है कि, ये प्रतिबद्धताएं पर्याप्त नहीं हैं और 'बोतलबंद पानी उद्योग' को अपने 'पर्यावरणीय प्रभाव' को कम करने के लिए और भी अधिक करने की जरूरत है।
हम पानी का उपयोग कैसे करते हैं, इस विषय पर 'स्मार्ट विकल्पों' को चुनकर, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए इस महत्वपूर्ण स्रोत की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।
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