इस मंद समय में क्षमता का व्यवस्थित उपयोग कैसे करें?
नियोक्ताओं के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत
इस मंद समय में क्षमता का व्यवस्थित उपयोग कैसे करें?
नियोक्ताओं के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत
How to Harness the Power in these Dim Times? का हिन्दी रूपांतर एवं सम्पादन
~ सोनू बिष्ट
कोविड महामारी जैसी अनिश्चितता पर प्रतिक्रिया देना स्वाभाविक ही है। यह जीवन भर में एक बार आने वाले संकट की तरह होता है, जिसकी कभी सर्वोत्तम जोखिम प्रबंधन करने वाले स्कूलों ने परिकल्पना भी नहीं की थी।
एक कंपनी के लिए उपलब्ध कई सुनियोजित विकल्पों में से, केवल एक रणनीतिक विकल्प आसानी से सभी को कठिनाई से बाहर निकाल सकता है। सकारात्मक नेतृत्व सही दिशा दिखा सकता है; भविष्य में बहुत आगे की सोचना समय की मांग है।
सरकारों द्वारा व्यवसायों का समर्थन करने के बावजूद भी, व्यापार खण्ड (कॉलम) अतिरिक्तता और बंद होने की खबरों से भरे हुए हैं। ओई.सी.डी (OECD) देशों ने अपने व्यवसायों को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी) के लगभग 20% के छूट के साथ मदद की है।
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यह 21वीं सदी है, और मानव संसाधनों के प्रबंधन के लिए नए तरीके अपनाना समय की मांग भी हैं
तो, उलझाने वाली बात कहाँ है? जैसे कि हरेक संकट काल की परिस्थिति में, स्वाभाविक रूप से जो बात दिमाग में आती है, वह है ,अतिरिक्त भार को कम करना। इसलिए, यह हमारे संगठनों और व्यक्तिगत जीवन में अतिरिक्तता का मूल्यांकन करने का एक उत्कृष्ट समय है।
इसकी शुरुआत बड़ी कंपनियों से होती है; अतिरिक्त भार ने यह सब किया जबकि लागत और श्रमशक्ति में मूल्यांकन की आवश्यकता है । पहले भी कई कर्मचारियों पर छँटनी की गाज गिर चुकी है। वास्तव में, वे सभी अभ्यास से सख्ती से गुजरते और अनिच्छा से लोगों को जाने देते।
अतिरिक्तता को कम करने के लिए अवसर अत्यंत कठिन है, क्योंकि हर विभाग को लगता है कि यह महत्वपूर्ण है। इसके बजाय, आज हमारे पास सबूत हैं कि इस संकटपूर्ण स्थिति में , वही संगठन अस्तित्व में रह सके जिनकी सरंचना लीन (दुबला ढांचा) थी ।
पहले से ही महामारी के दौरान, कंपनियां "व्यवहार कुशल" और "मुद्दे पर" काम करने के रूप में सामने आई हैं। छोटे रूप के साथ वे नेतृत्व को चलाने की कोशिश कर रहे हैं।
केवल आवश्यक चीजें ही विद्यमान हैं और कॉर्पोरेट अव्यवस्था को कम करने के लिए इसे एक 'विशेषता' के रूप में रखा गया है। इसका मतलब था छँटनी। हालांकि यह कठोर है , फिर भी अधिक छँटनी सामने आ रही है, क्योंकि लाखों बड़े और छोटे व्यवसाय अभी भी संघर्ष कर रहे हैं।
महामारी लंबे समय तक रहेगी अतः, नए तरीकों को खोजने और उनपर विचार करने की आवश्यकता है। हायर (रखना) और फायर (निकालना) की संस्कृति किसी के लाभ के लिए काम नहीं करेगी। यह 21वीं सदी है, और मानव संसाधनों के प्रबंधन के लिए नए तरीके अपनाना समय की मांग भी हैं।
सकारात्मक पक्ष पर, छँटनी के बजाय, कंपनियां अपने कर्मचारियों की वफादारी का पुनर्निर्माण ,बेहतर कौशल और सुधार के द्वारा कर सकती हैं।
चूंकि आधुनिक प्रबंधन प्रणाली ने 'ईमानदारी' की शक्ति को कभी नहीं समझा, यही वो समय है जब इसे समझा जाये। 'वफादारी' पर भरोसा करने से ही महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ जीती और हारी जाती हैं।
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कंपनियां अपने कर्मचारियों की वफादारी का पुनर्निर्माण ,बेहतर कौशल और सुधार के द्वारा कर सकती हैं
इसमें कोई शक नहीं है; यह कंपनियों को कोविड के बाद दुनिया में अविजेय (Unbeatable) प्रतिस्पर्धा में बढ़त देगा।
कंपनियां उन प्रणालियों को माप सकती हैं जो प्रबंधन के मोर्चे पर दबाव में हैं, वे जिन्होंने काम किया और वह जो सुस्त रहे । इस मूल्यांकन में संसाधनों को खाली करने, मुक्त करने और उन्हें पुनर्वितरण करने की गुंजाइश है।
जैसा कि 'अस्तित्व वृत्ति' (Survival instinct) की आवश्यकता होती है, संकट के समय में सबसे 'कुशल तरीके' और 'प्रभावी उपाय' स्वाभाविक रूप से अमल में आते हैं।
इस नए सामान्य समय में, यह पहले से ही हल्के -फुल्के बदलाव के साथ हासिल किया गया है। हमे अपने आस- पास उदाहरण मिले जैसे अपनी कंपनी, पड़ोस और देश में ।
अच्छे समय में, यदि इस परिवर्तन को पहली बार सोचा और लागू किया जाता तो कंपनी द्वारा मात्र परिवर्तन प्रबंधन सलाहकारों की नियुक्ति पर व्यय की हुई लागत एक निरोधक हो सकती थी।
बजाय इसके, की इस संकट के स्वाभाविक परिणाम के रूप में एक नए संगठन को रूपांतरित और पुनर्निर्मित किया जाए ।
जबकि हम सुनिश्चित विकल्प की खोज रहे हैं, अतः सभी को अपने अहंकार की प्रवृति को त्यागने की जरूरत है। क्योंकि इस 'व्यापार ' और 'व्यक्तिगत जीवन' के 'आधुनिक युग ' में यह असन्दिग्ध रूप से धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।
लेकिन बुरी खबर यह है कि यह भी इस संकट से नहीं बच सकेगा। भविष्य केवल उनके लिए है जो लचीले और विनम्र हैं, चाहे वह एक संगठन हो या एक व्यक्ति।
अगले चरण में, यह केवल सकारात्मक रूप से सक्रिय होने और इस संकट के समय से 'गहरी सीख' को निचोड़ कर निकालने की बात है। बुद्धिमान कंपनियां इस समय का उपयोग आत्मविश्लेषण और उज्जवल भविष्य के लिए अपने काम करने के तरीकों को फिर से परिभाषित करने के लिए करती रहेंगी।
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