'घर से काम'
अनिवार्य वास्तविकता
'घर से काम'
अनिवार्य वास्तविकता
Work from Home - Forced Reality का हिन्दी रूपांतर एवं सम्पादन
~ सोनू बिष्ट
वर्क फ्रॉम होम यानी (घर से काम) धीमी गति से चलने वाले कार्य के अंतर्गत आता था जो अचानक से चलन में आ गया ।
कोविड-19 ने कंपनियों और राष्ट्रों को अपने काम करने के तरीकों का पुनर्गठन करने के लिए विवश किया है। हालांकि सबसे अच्छी परिस्थितियों में नहीं, किन्तु वर्क फ्रॉम होम ने अंततः एक गंभीर विचार और सफल अनुरोध पाया है।
लगभग 15 साल पहले, मैं अपने बॉस के साथ वर्क फ्रॉम होम की संकल्पना के बारे में चर्चा करता था। सुबह 11 बजे तक मुंबई में ट्रैफिक अपने शीर्ष पर होता ,जिससे मुझे ऑफिस पहुंचने में 1 घंटा 45 मिनट का समय लगता था ।
इसलिए, मैंने पहले हाफ में वर्क फ्रॉम होम करने का प्रयत्न किया और कम व्यस्त समय(ऑफ पीक) के दौरान दूसरे हाफ के लिए कार्यालय की यात्रा करता था । सुबह 11 बजे के बाद साफ सड़कों पर गाड़ी चलाने में मुझे सिर्फ 35 मिनट लगते थे ।
यह मॉडल मेरे बॉस के साथ काम नहीं कर पाया, किन्तु आज यह एक वास्तविकता है।
नए युग में, यदि इस मॉडल का उपयोग किया जाता है, तो कार्यालय की आवाजाही के चक्कर में लोगों के उपयोगी समय को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है जो कि यातायात अवरोधों (ट्रैफिक जाम) और भीड़ भरी सार्वजनिक यातायात व्यवस्था में हो रहा है।
“
आज, कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं, और कर्मचारियों को भी यह निर्णय सुखदायक लग रहा है
आज, कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं, और कर्मचारियों को भी यह निर्णय सुखदायक लग रहा है। प्रारंभ में कुछ प्रतिरोध था, जो संस्कृति में अचानक परिवर्तन के कारण स्पष्ट था, लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह स्थिति पकड़ में आ गई है।
यहां तक कि सरकारें भी वर्क फ्रॉम होम हैं और पत्रकार भी इन सरकारों के प्रदर्शन की रिपोर्ट कर रहे हैं। कोई भी अछूता नहीं रहा।
प्रौद्योगिकी:
वर्क फ्रॉम होम के लिए दो समर्थक हैं। पहला प्राथमिक समर्थक है डिजिटल कनेक्टिविटी की उपलब्धता और इसने कर्मचारी के स्थान को अप्रासंगिक (Irrelevant ) बना दिया है। हालांकि, यह अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के लिए सच नहीं है।
लेकिन यह एक ऐसा ठोस हिस्सा हो सकता है जो इसकी महत्वपूर्ण प्रासंगिकता को बनाये रखेगा ।
इसके लिए दूसरा महत्वपूर्ण समर्थक है, कोविड जैसे कठिन समय की मांग । यदि 'अच्छे ' समय के दौरान वर्क फ्रॉम होम की माँग की जाती, तो इसको स्वीकार करने वाले इतने नहीं होते।
व्यावहारिकता और उत्पादकता में हानि को अनुभव ना करने के खातिर अधिकांश तर्क वर्क फ्रॉम होम के खिलाफ थे।
कोविड-19 ने दो विजेताओं को प्रकट किया है। यह है 'प्रौद्योगिकी' और 'समय', जो एकसाथ सम्मिलित हुए दुनिया को बदलाव का एक नया अवसर देने के लिए। यह एक ऐसा बदलाव है जो मनुष्यों और पर्यावरण दोनों को अधिक लाभ पहुंचाएगा।
“
कोविड-19 ने दो विजेताओं को प्रकट किया है। यह है 'प्रौद्योगिकी' और 'समय', जो एकसाथ सम्मिलित हुए दुनिया को बदलाव का एक नया अवसर देने के लिए
चूंकि वर्क फ्रॉम होम का कार्य परिवेश (Work environment) अनियंत्रित है, इसलिए कंपनी को अपने सभी कर्मचारियों पर भरोसा करना चाहिए। हालांकि इसमें चुनौतियां भी हैं।
प्रौद्योगिकी व्यवधान का एक गंभीर जोखिम भी लाती है। क्योंकि यह मुख्य रूप से इंटरनेट कनेक्टिविटी और अनियंत्रित स्रोत से आधिकारिक सर्वर तक पंहुच के बारे में है, इसलिए यह विफलता का एकल बिंदु बन जाता है।
हैकिंग और धोखाधड़ी क्षणभर में कॉर्पोरेट कमाई को चुरा सकती है। प्रतिष्ठा को खराब करने, कमजोरियों को उजागर करने, प्रतिस्पर्धा में बढ़त, कॉर्पोरेट जासूसी या धोखाधड़ी करने के लिए केवल एक डेटा लीक की आवश्यकता होगी।
इन जोखिमों के लिए जाँच और संतुलन हैं, ऐसा नहीं है कि वे वर्तमान में नहीं हैं, लेकिन प्रवर्तन (Enforcement) का पैमाना अलग है। यदि वर्क फ्रॉम होम 'नया सामान्य'(नई सामान्य स्थिति) हो जाता है तो भेद्यता (Vulnerability ) निश्चित रूप से कई गुना बढ़ेगी ।
विश्वास और संस्कृति में बदलाव के रूप में यह कुछ शुरुआती समस्याएं हैं, किन्तु उचित समय पर ये भी हट जाएंगी।
समाज शास्त्र:
पर्यावरण के बहुआयामी विनियंत्रण (Decontrol) के कारण वाजिब चिंताएं हैं। कर्मचारी वर्ग अब एक भौतिक स्थान में हैं जो नियोक्ता (Employer) के नियंत्रण में नहीं है।
इसका मतलब पृष्ठभूमि शोर (Background noise), घर में ध्यान भटकना और यहां तक कि ईमानदारी में कमी भी हो सकता है। बॉस द्वारा कर्मचारी पर नजर रखने की यह सदियों पुरानी प्रथा रही है।
शारीरिक रूप से, बॉस ने अपने आउटपुट का प्रबंधन करते समय कर्मचारी की शारीरिक भाषा, स्थिति और विचार पद्धति को देखा होता है । किसी कर्मचारी पर दिन में कई बार शारीरिक रूप से जाँच करना नियम रहा है।
दुनिया भर के सबसे प्रगतिशील संगठनों में भी, ये प्राकृतिक मानवीय प्रवृत्तियाँ प्रचलित है मगर अलग-अलग इकाईयों के साथ ।
इसका किसी संगठन या देश की संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है जो बॉस को अपने अधीनस्थ व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने की अनुमति देता है।
यह सभी संगठनों के प्राकृतिक निर्माण के साथ करना है। हमेशा से, वे सभी पदानुक्रमित हैं और वरिष्ठ-कनिष्ठ (Senior-junior) संबंधों पर विकसित हुए हैं।
बड़ी कम्पनियों (Mega-corporates ) के सीईओ (CEO) के लिए भी कमर्चारी का वार्षिक मूल्यांकन करना उसका उद्देश्य होता है। इसलिए, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उत्तरदायित्व , रिश्तों और भौतिक उपस्थिति का मिश्रण एक परिसर के अंदर काम करने की जड़ रहा है।
यह सब बदल जाएगा यदि वर्क फ्रॉम होम नई वास्तविकता बन जाएगा। कंपनियों में शक्ति की गतिशीलता बदल जाएगी। कर्मचारियों पर नियंत्रण रखने के लिए स्वाभाविक रूप से या शक्ति द्वारा नए अभ्यास सीखने होंगे।
बहुत से प्रबंधक इस बदलाव से खुश नहीं होंगे। दिन भर अपनी टीम के सदस्यों को देखने की उनकी आदत रसातल में चली जाएगी।
इसका परिणाम भावनात्मक शक्ति शून्य में होगा। आज्ञाकारी और निर्देश चाहने वाले कर्मचारियों से संकोच भरी भाषा के साथ घिरे होने के बजाय, उच्च अधिकारी अपने परिवार के सदस्यों से घिरे रहेंगे, जिनके साथ शक्ति की गतिशीलता बहुत अलग है।
दुनिया भर में काम करने के लिए यात्रा करना दर्दनाक होता जा रहा है। मुझे आश्चर्य होगा यदि 99% कामकाजी आबादी ट्रैफिक और प्रतीक्षा काल में प्रतिदिन 2 घंटे से कम समय बिताती है। जो इससे भी कम समय व्यतीत कर रहे हैं वे या तो अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली हैं या दुनिया के किसी बड़े शहर में नहीं हैं।
कर्मचारियों को, सामान्य तौर पर, स्वेच्छा की भावना के साथ, अपने घर के कपड़ों में काम करते वक़्त, वर्क फ्रॉम होम बहुत ही मुक्तिदायक लग सकता है।
यह समय एक ऐतिहासिक घटना होगी 18 वीं सदी के काम करने के औद्योगिक तौर-तरीकों से । इस दौरान, कॉरपोरेट कार्य संस्कृति को विकसित करने की कोशिश कर रहे है।
परिणामस्वरूप, एक कर्मचारी के जीवन में उस स्थान पर दो दुनिया होंगी। पहला, वह जो कार्य परिवेश द्वारा शासित होगा और दूसरा वह जो कार्य के बाहर होगा। वर्क फ्रॉम होम के साथ, दोनों का आंशिक विलय होने जा रहा है।
कई कर्मचारियों की पहचान को चुनौती दी जाएगी। निश्चित रूप से यह विलय काम और निजी जीवन के बीच इस मानसिक परिवर्तन को धुंधला कर देगा। यह मानवीय प्रक्रियाओं पर सकारात्मक रूप से प्रतिबिंबित हो सकता है। अतः मानवीय पक्ष और भी अधिक सामने आएगा।
गुणवत्ता समय:
कोविड से पहले, जो लोग घर से काम कर रहे थे, उन्होंने अपने अनुभव साझा किए थे। वे हमेशा से ही संशयवाद के विरोध में रहे थे। ज्यादातर मामलों में, कर्मचारी कार्यालय से काम करने की तुलना में अधिक घंटे काम कर रहे थे।
लंबे समय तक काम करने के बावजूद वे अपने कार्य-जीवन संतुलन से बहुत अधिक संतुष्ट थे। इसके अलावा, उत्पादकता अधिक थी, हालांकि यह अभी तक वैज्ञानिक रूप से सत्यापित नहीं है।
इस सकारात्मकता के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कर्मचारी अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने में सक्षम रहे हैं, जरूरी नहीं कि सीधी बातचीत के संदर्भ में, बल्कि केवल अपनी उपस्थिति का एहसास कराकर। यह परवरिश का एक अनिवार्य पहलू है और सुप्रलेखित (Well documented) है।
बच्चों ने पाया है कि माता-पिता की संगति उनके व्यक्तित्व को स्थिर करती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पूर्व की ओर से समाज में बुजुर्गों की देखभाल भी वर्क फ्रॉम होम का एक सकारात्मक दुष्प्रभाव हो सकता है।
वर्क फ्रॉम होम पहले ही यह साबित कर चुका है कि वह गर्भवती माताओं और नई माताओं के लिए बहुत सुविधाजनक रहा । यह पद्धति न केवल नवजात देखभाल और परवरिश में सुविधा लाई , बल्कि इसने लैंगिक समानता को भी प्रोत्साहन दिया।
जिन महिलाओं को आमतौर पर मातृत्व कारणों से अपने करियर को छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता था, वे अब अपने करियर में स्थिरता की परिकल्पना कर सकती हैं। कंपनियों को भी इससे फायदा हुआ ।
यह सिद्ध किया गया 'कर्मचारी वफादारी' उन लोगों द्वारा कई गुना बढ़ गयी जिन्होंने वर्क फ्रॉम होम मातृत्व लाभ का फायदा उठाया । यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे प्रत्येक पक्ष को किसी न किसी तरह से लाभ होगा ।
एक प्रसन्न कर्मचारी , उच्च उत्पादकता और वफादारी को कायम रखने का 'नुस्खा' है ।
कंपनी को लागत:
निश्चित रूप से, वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों के लिए परिसर के बोझ को कम करेगा। प्रति सीट कम लागत होगी, क्योंकि सुविधा प्रबंधन की लागत कम हो जाएगी। मुझे विश्वास है कि कई कंपनियां छोटे, आकर्षक परिसर के समर्थन में अपने बड़े कार्यालय स्थान को बंद कर देंगी।
“
निश्चित रूप से, वर्क फ्रॉम होम कमर्चारियों के लिए परिसर के बोझ को कम करेगा
दुनिया भर में जमीन की लागत बड़ी तेजी से बढ़ रही है। उत्पाद और सेवाओं की लागत अब उन सुविधाओं के संचालन की लागत के साथ-साथ उस जमीन की लागत का एक बड़ा हिस्सा है। यदि कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करते हैं तो उत्पाद लागत का यह घटक काफी कम हो जाता है।
सम्मोहक समय उत्पादकता लाभ खोजने के और अधिक तरीके खोजेगा। वे कंपनियाँ जो वर्क फ्रॉम होम कंपनियों के बैक- ऑफिस कार्य को आउटसोर्स करने के तरीकों का मूल्यांकन कर सकती हैं, उन्हें यह अवश्य करना चाहिए।
यह आर्थिक मंदी को सहने में मदद करेगा जो कोविड उन्नीस के परिणामस्वरूप होगी ।
यह कदम न केवल अर्थव्यवस्थाओं को मंदी से ऊपर उठाएगा, बल्कि यह बेहतर व्यावसायिक तालमेल भी बनाएगा।
21वीं सदी अब हकीकत में आ रही है। उन्नीसवीं सदी के काम करने के तरीके बदल रहे हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ वर्क फ्रॉम होम , सिद्धांत और शौकिया अभ्यास के रूप में संभव हो पाया।
अब उस मुश्किल समय ने हम सभी को मजबूर कर दिया है कि हम सभी अपने आप को कार्यालय तक लादकर ले जाने की सदियों पुरानी जड़ता को त्याग दें।
तो, हमारे घर को हमारा नया कार्यालय बनने दें और वर्क फ्रॉम होम को 'नया सामान्य' (नई सामान्य स्थिति) होने दें। यह सही मायनों में 21वीं सदी कर्मचारी होगा और एक फॉर्मूला होगा आधुनिक समय के नियोक्ता के लिए ।
Other Articles
Did Western Medical Science Fail?
How to Harness the Power in these Dim Times?
Is India’s Economic Ladder on a Wrong Wall?
Taking on China – Indian Challenges
British Border Bungling and BREXIT
When Health Care System Failed – others Thrived.
3 Killer Diseases in Indian Banking System
Work from Home - Forced Reality
Why Learning Presentation Skills is a Waste of Time?
Is Social Justice Theoretical?
Will Central Vista fit 21st Century India?
Why Must Audit Services be Nationalized?
To Comment: connect@expertx.org
Support Us - It's advertisement free journalism, unbiased, providing high quality researched contents.