विपक्ष और शक्तिशाली लोकतंत्र
विपक्ष और शक्तिशाली लोकतंत्र
Strong Opposition Means Strong Democracy का हिन्दी रूपांतर एवं सम्पादन
~ सोनू बिष्ट
विपक्ष, लोकतंत्र का अहम हिस्सा है और लोकतंत्र तभी सही तरीके से काम कर सकता है, जब जाँच और संतुलन की व्यवस्था हो। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है, कि सरकार की कोई भी शाखा बहुत अधिक शक्तिशाली न बन जाए।
विपक्ष की भूमिका सरकार से असहमत लोगों को आवाज़ देना है। उन्हें देश के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण पेश करना चाहिए।
विपक्षी दल इस कारण भी आवश्यक हैं क्योंकि, वे एक हितप्रहरी (Watchdog) के रूप में कार्य करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि सरकार लोगों के सर्वोत्तम हित में काम कर रही है। विपक्ष के बिना, लोकतंत्र प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम नहीं होगा।
लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए विपक्षी दलों को तभी सफल कहा जा सकता है, जब वे सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार हों। लेकिन फिर, विपक्षी दलों को भी श्रेय लेने और सरकार की जवाबदेही पर अपने प्रभुत्व की पकड़ को बढ़ाने की जरूरत है।
इसलिए, यह सुनिश्चित करने लिए कि, लोकतंत्र प्रभावी ढंग से काम करे, प्रतियोगिता और सहयोग समीकरण आवश्यक है।
एक बहुदल लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष को यह भी याद रखना चाहिए कि वे एक दूसरे के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं और एक बंटा हुआ विपक्ष, जनता के हित में नहीं है।
एक विपक्षी दल की भूमिका सरकार के सामने एक वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करना और उन्हें उनके कार्यों के लिए जवाबदेह बनाये रखना है।
एक लोकतंत्र में, विपक्षी दल, देश के सामने आने वाले मुद्दों पर एक स्वस्थ बहस करवाने और उन सभी विचारों और दृष्टिकोणों को समझा और सुना जा रहा, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
विपक्षी दल सरकार पर एक चारखानेदार के रूप में भी कार्य करता है वह यह सुनिश्चित करता है कि, वह अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करें।
यह निकट सर्वाधिकारवाद भारत, तुर्की, रूस और चीन में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां सत्ताधारी दल का संसद पर लगभग पूर्ण नियंत्रण है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि, सत्तारूढ़ दल केवल अपनी कार्यसूची (एजेंडा) का पालन नहीं कर रहा है, चूकि एक विपक्षी दल आवश्यक है।
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लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए विपक्षी दलों को तभी सफल कहा जा सकता है, जब वे सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार हों
जब कि लोकतंत्र में विपक्ष अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि, वे सरकार के दुश्मन नहीं हैं। दुर्भाग्य से, भारत में अक्सर ऐसा नहीं होता है: सत्ताधारी दल और विपक्षी दल की एक-दूसरे के साथ अनबन होती रहती हैं, जिसके परिणामस्वरूप राजनीतिक अस्थिरता पैदा होती है।
ऐसे कई मामले हैं, जब विपक्ष ने भारतीय संसद के कामकाज को अवरुद्ध कर दिया और यह विपक्ष में से उन लोगों द्वारा किया गया, जो कभी सत्ताधारी दल में थे।
इसके अलावा, विपक्षी दल अक्सर सत्ताधारी दल की आलोचना करने पर ध्यान केंद्रित करता है। हालांकि, देश के भविष्य के लिए अपनी दूरदर्शिता प्रस्तुत करते वक्त वे आमतौर पर अस्पष्ट होते है या यहाँ तक की चुप भी रहते हैं।
उन्हें उम्मीद होती है, कि मौजूदा प्रशासन की आलोचना के आधार पर ही लोग उन्हें सत्ता में लाने के लिये वोट देंगे। इसके बजाय, यह उनकी वैकल्पिक नीतियां और कार्यक्रम हैं, जो उन्हें बहुमत दिलवाएंगे ।
हालांकि, लोकतंत्र के फलने-फूलने के लिए, हमारे पास मजबूत और प्रभावी विपक्षी दल होने चाहिए। विपक्षी दल द्वारा पेश किए गए वैकल्पिक दृष्टिकोण के बिना, सत्ता में सरकार के लिए लोकतंत्र एक रबर की मोहर से अधिक और कुछ नही होगा।
इसलिए, हमें राजनीतिक विपक्ष को खुले दिमाग से सुनना चाहिए, तभी हमारे लोकतंत्र में हमे सही मायनों में एक सुशासन मिलेगा।
लोकतंत्र में कई कारणों से एक मजबूत विपक्ष आवश्यक है।
सबसे पहले, यह सरकार पर एक पुलिस जांच प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि, खराब या अलोकतांत्रिक नीतियां लागू ना हो।
दूसरा, यह सुनिश्चित करता है कि, विभिन्न आवाजों और दृष्टिकोणों को सुना जाए और वह सुविचारित हो।
तीसरा, यह एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा प्रदान करता है, जो सत्तारूढ़ दल की नीतियों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि, अलग-अलग आवाजें सुनी जाएं और सरकार को उसके लिए जवाबदेह ठहराया जाए।
एक मजबूत विपक्ष ही सरकार को बहुत अधिक शक्तिशाली बनने से रोक सकता है और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकता है। परिपक्व लोकतंत्रों में, विपक्षी दल एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
लोकतंत्र की परिपक्वता को उसके विपक्षी दलों द्वारा मापा जा सकता है। यदि कोई विपक्ष नहीं है, तो भले ही वह सरकार लोकतांत्रिक क्यों ना हो, वह दबंग हो ही जाती है, जो देश के लिए उपयुक्त नहीं है।
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लोकतंत्र की परिपक्वता को उसके विपक्षी दलों द्वारा मापा जा सकता है
इसलिए, हमारे लोकतंत्र की सुरक्षा करना और उसके मुख्य सिद्धान्तों के प्रति सच्चे रहना आवश्यक है।
कुछ लोग हो सकते हैं जो इस बिंदु से असहमत होंगे, यह तर्क देते हुए कि सरकार के लिए एक विपक्षी राजनीतिक दल द्वारा लगातार चुनौती दिए बिना शासन करने में सक्षम होना अधिक महत्वपूर्ण है।
लेकिन दुर्भाग्य से, यह टकराव लोकतांत्रिक व्यवस्था की रूपरेखा के कारण एक समस्या है और इसमें कोई आसान रास्ता नहीं है।
इसके अलावा, एक मजबूत विपक्ष एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा प्रदान कर सकता है, जो सत्ताधारी दल को बेहतर नीतियां विकसित करने के लिए प्रेरित करता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि, सत्ताधारी दल जानता है, कि उसे लोकप्रियता हासिल कर रहे विपक्षी दल से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा तब उस स्थिति में, यह विचार सत्ता में बने रहने के लिए सत्ताधारी दल को अपनी नीतियों में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
यह प्रतिस्पर्धी दबाव, यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है कि, सरकार हमेशा लोगों तक बेहतर नीतियों को पहुँचाने और उनमें सुधार करने का प्रयास कर रही है।
आख़िरकार एक लोकतंत्र में, किसी एक व्यक्ति या पार्टी के बजाय देश की जनता को ही विजेता होना चाहिए।
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